विश्व संविधान विश्व सरकार!
शुक्रवार, 15 मार्च 2024
सपने साकार होने की ओर!!
रविवार, 4 जून 2023
हमारे सहज मार्ग में मानसिक सफाई :अशोकबिन्दु
शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023
अमोघ प्रिय आनन्दम! अमोघ प्रिय दर्शनम ! अमोघ प्रिय अंनतम !!#अशोकबिन्दु
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023
शाहजहांपुर से श्री रामचन्द्र जी महाराज!!
रविवार, 26 जून 2022
समस्या क्या है?समस्याएं क्या हैं?#अशोकबिन्दु
रविवार, 19 जून 2022
हमारी नजर में योग/सम्पूर्णता/आल/अल....#अशोकबिन्दु
21 जून :: विश्व योगा दिवस!?हमारी नजर में योग::अशोकबिन्दु
हमारी नजर में योग /आल/अल/सम्पूर्णता है वह स्थिति जो यथार्थ है।सामने जो है सो है।वह का पैमाना हमारा भ्रम, पूर्वाग्रह, जटिलताएं आदि नहीं है। योग की शुरुआत सत्य/यथार्थ से होती है।
सत्य/यथार्थ
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यम/महाव्रत का पहला चरण
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यम/महाव्रत
(सत्य,अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य)
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योग के आठ अंग
(यम, नियम, आसन, प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा, ध्यान व समाधि)
ऐसे में अपना व जगत का सत्य उजागर करने के लिए या महसूस करने के लिए भ्रम, पूर्वाग्रह, जटिलताओं आदि से मुक्ति आवश्यक है। इसके लिए हम सब सफाई करते हैं।प्रतिदिन दिन भर के सभी दैनिक सांसारिक कार्य निपटा कर।
https://youtu.be/L2Ie7-00Qv4
जो है सो है।हम व यह जगत क्या है?उसे हम मौन में जाकर ही जान सकते हैं।अंतर्मुखी होकर ही जान सकते हैं।हमारे व जगत के अंदर जो स्वतः, निरतंर, अनन्त, सावभौमिक है ।उसे हम मौन रह कर ही जान सकते है।एक विशेष प्रकार का विचार व भाव लेकर।
https://youtu.be/hf8_OPWGPtg
अपने लिए जिओ, खूब जियो। अपनी आवश्यकताओं के लिए जीना चाहिए।व्यवस्थाप्रियता हममें होनी चाहिए लेकिन व्यवस्था भी तीन प्रकार ही होती है-स्थूल, सूक्ष्म व कारण।लेकिन हम तो इससे हट कर कृत्रिमताओं में जीते हैं। हम ठीक से अपनी आवश्यकताओं के लिए भी नहीं जीते, अपूर्णता में जीते है।आवश्यकताएं भी तीन प्रकार की हैं-स्थूल, सूक्ष्म व कारण।लेकिन यहां भी हम कृत्रिमताओं के लिए जीते हैं। हम अपने हाड़ मास, भौतिक वस्तुओं तक सीमित रह जाते हैं। हम अपने सूक्ष्म व कारण के लिए नहीं जीते।
ऐसे में योग है - संतुलन।अपने व जगत के सम्पूर्णता के अहसास में जीना।
हमारे वैश्विक मार्गदर्शक श्री कमलेश डी पटेल #दाजी ठीक कहते हैं कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हम आस्तिक हैं या नास्तिक ,महत्वपूर्ण यह है कि हम महसूस क्या करते हैं?अनुभव क्या करते है?आभास क्या करते हैं? ......शिक्षा व प्रशिक्षण कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। जो हम वास्तव में दिल, आस्था ,नजरिया से होते हैं वही हमारी वर्तमान में असलियत है।जिससे हमें ऊपर उठने की जरूरत है।
#अशोकबिन्दु #हार्टफुलनेस
https://youtu.be/wqfMSc3HNoY
गुरुवार, 2 जून 2022
एक कदम आगे और..?!#अशोकबिन्दु
02 जून 2022 ई0!!
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विश्व हिंदी अध्यात्म साझा प्रचारक!
विश्व सम्विधान विश्व सरकार
एक कदम और हम चले......
कान्हां शान्ति वनम हैदराबाद में दो साल पहले रामदेव बाबा घोषणा कर चुके हैं कि आगामी जो आध्यात्मिक क्रांति होगी वह यहीं से होगी, कान्हा शांति वनम से।
उसी रूहानी आंदोलन के तहत एक कदम आज!!
हम अपने मन-भूमि पर खेले गये 1990 से खेल को पृथु-भूमि/महि पर अब विस्तार लेते देख रहे हैं।
हम महसूस कर रहे हैं कि कैसे विश्व स्तर की सूक्ष्म शक्तियां अब वह माहौल बनाने में सहयोग कर रहीं है जो विश्व को विश्व बंधुत्व, बसुधैव कुटुम्बकम ,विश्व सरकार/लोहिया के विश्व संसद, नई संसद आदि की ओर प्रेरित कर रहीं हैं।
वैचारिक क्रांति, मानसिक क्रांति के परिणाम तुरंत नहीं घटित होते लेकिन होते हैं। हमारे पोस्टस से आप सब महसूस करते रहते होंगे।लेकिन कौन महसूस कर सकते हैं?
आज का दिन इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन घटित हो चुका है।
हम फिर कहना चाहेंगे कि विश्व में कौन है जो विश्व बंधुत्व, बसुधैवकुटुम्बकम की बात करता है?!दुनिया जानती है।लोभी, मजहबी, जातिवादी की कब तक चलेगी?
#अशोकबिन्दु