शुक्रवार, 15 मार्च 2024
सपने साकार होने की ओर!!
14-17 मार्च 2024 : विश्व आध्यत्म सम्मेलन 2024 ई0!
किशोरावस्था से मेरा ख्वाब था सभी सभी रूहानी आंदोलनों को एक मंच पर देखना। इसके साथ ही विश्व सरकार, विश्व सरकार ग्रन्थ साहिब की स्थापना।
जब बसुधैब कुटुम्बकम तो किससे नफरत किससे मोहब्बत!?
गीता में भी श्रीकृष्ण कहते हैं कि दुनिया के धर्म छोंड़ मेरी शरण में आ। अर्थात जीवंत महापुरुष को स्वीकार।
अतीत में जो महापुरुष हुए, अवतार हुए उन्हें भी उस वक्त के महापुरुषों को स्वीकार करना पड़ा।
मनुष्य प्रकृति अभियान का अंग है। प्रकृति अभियान में ही सहयोगी होना होगा।
प्रकृति अभियान, मानवता ,रूहानी आंदोलन का कोई मजहब नहीं कोई जाति नहीं, कोई देश नहीं वरन बसुधैब कुटुम्बकम।
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