"जिसे जिसे भारत मेंंं रहते हुए भारत के संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए भी भारत की संस्कृति सभ्यता से नफरत है उन्हें उस देश में चला जाना चाहिए"
जो देश उनके माफिक है ऐसा कहने वालोंं को विचार करना चाहिए उनके पूर्वज भारतीय ही थे उनसे नफरत करना ठीक नहीं सभी उंगलियांंं बराबर नहीं होती और यदि बराबर होती तो शायद मुट्ठीठी नहीं बनती।
जो होता है ठीक ही होता है।
महत्वपूर्ण यह है कि हमे क्या करना है।
वक्त व कुदरत हर पल इंतिहान लेती है।हमे यह समझ न आये ,तो ये अलग बात।
विदेशी आक्रमणों व विदेशी शासन ने हमें सीख भी दी है। हमें एक जुट होने का अवसर भी दिया है। कमबख्त ये जाति मजहब के नाम पर स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले देश मे कम नहीं है।एक ढूंढो लाखों मिलते हैं।
देश के मुसलमानों से नफरत करना ठीक नहीं।
हमें समस्याओं के जड़ में जाने की जरूरत है।
चीन की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है।चीन को सोंच समझ कर आचरण करना चाहिए।आखिर में उसका पड़ोसी भारत ही उसके आंसू पोंछेगा।
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