दक्षिण एशियाई देशों को गिले सीकबे भुला कर एक जुट होने की जरूरत है।
चीन व पाकिस्तान को शांति सुकून से काम चलाने की जरूरत है।
हम तो कहेंगे कि भविष्य में अर्थात तृतीय विश्व युद्ध के अंत में भारत , चीन व रूस एक साथ होंगे लेकिन तब तक काफी बर्बादी हो चुकी होगी।
यदि हम सब मानवता का भला चाहते हैं तो निजी स्वार्थों का त्याग करना होगा
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