शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

जय दक्षेस!!

 दक्षिण एशियाई देशों को गिले सीकबे भुला कर एक जुट होने की जरूरत है।


चीन व पाकिस्तान को शांति सुकून से काम चलाने की जरूरत है।


हम तो कहेंगे कि भविष्य में अर्थात तृतीय विश्व युद्ध के अंत में भारत  , चीन व रूस एक साथ होंगे लेकिन तब तक काफी बर्बादी हो  चुकी होगी।  



यदि हम सब मानवता का भला चाहते हैं तो निजी स्वार्थों का त्याग करना होगा

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