मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

वे कभी सेक्युलर सपना नहीं देख सकते!!!वे तब तक सेक्युलर के नाम पर चल रहे हैं जब तक वे बहुमत में नहीं आते!!

समाज, देश व विश्व में कुछ लोग ऐसे होते रहे हैं,जिन्हें सबकी सुधि नहीं रही है।। उन्हें इससे मतलब नही होता कि सबको साथ लेकर आगे बढ़ने वाले हों।इससे मतलब नहीं कि समाज में कोई किसी कर्मकांड रीतिरिवाजों को मानने वाला हो, है तो सब खुदा का ही बने हुए, खुदा की बनाई हर चीज का सम्मान होना या करना उनका मकसद नहीं।वे गजबा हिन्द का सपना देखने वाले या वे जहां50 प्रतिशत से ज्यादा है,वहां देख लो वे अन्यों को कम आवादी वालों के साथ क्या सुलूक करते हैं?उन्हें सारी दुनिया में व8भिन्न स्थानों पर रहने वाले कम आवादी वालों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ कुछ नहीं करना।वे मजहबी हैं।मजहबी अन्य भी हो सकते है लेकिन... सबको लेकर चलने की बात कौन करता है??बसुधैव कुटुम्बकम, विश्व  बंधुत्व आदि की बात किनके मंच पर से होती है।वे जहां जहां बहुमत में हैं,वहां कम आवादी वालों के साथ क्या हो रहा है??हम मोहम्मद साहब की उस घटना से प्रेरणा लेते हैं,कि हम पर कूड़ा फेंकने वाली औरत से भी हम घृणा न करें।गांधी की अहिँसा व हमारी अहिँसा में अंतर है!हमारी अहिँसा कहती है/सभी के अंदर ईश्वर की रोशनी है अतः किसी से घृणा न करो, किसी से नफरत न करो।।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

https://www.facebook.com/groups/1025404947641650/permalink/1396428563872618/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें