मंगलवार, 28 जनवरी 2020

किसी ने कहा है ठीक कहा है,वर्तमान समस्याओं का हल है-मानवता,अध्यात्म।
हमें अपने को बदलने के लिए  तैयार करना होगा।अपनी चेतना के स्तर को उच्च करना होगा।विश्वबंधुत्व,विश्व शान्ति अब हमसे है,हम सबसे है।हम सभी को ईमानदारी से रात्रि नौ बजे नियमित इस हेतु साधना में बैठने की जरूरत है। हमें अपने नजरिया को बदलने की जरूरत है।संसार में जो भी स्त्री पुरुष हैं,उनमें एक ही मालिक की रोशनी है।हम सब भाई बहिन हैं।



हमें जाति मजहब से ऊपर उठ कर सिर्फ मालिक व मालिक की बनाई दुनिया में मालिक को देखना है।अपने अंदर मालिक को देखना ध्यान है,सभी के अंदर मालिक को देखना मोहब्बत है।

हम हर वक्त ये ध्यान रखें-परम्+आत्मा=परमात्मा!! हमें अपने उन ऋषियों नबियों पर नाज है जिन्होंने वह दशा पायी जो वेद है या वेद के समकक्ष है।
कुरआन की अल फातिहा का विषय केंद्रीय है।वही हमारे मिशन का हेतु है।वही कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण सन्देश है।शक्लें आत्मा से नीचे हैं,वे चाहें स्थूल हों या सूक्ष्म। संसार में प्रशंसा सिर्फ मालिक के लिए ही है।मालिक व हमारे बीच एक सीधा रास्ता है।

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