शुक्रवार, 22 मई 2020

जो आदतों से दब कर अपनी निजता से दूर हो जाते है:भूपेंद्र योगी जी

डोपामिन उपवास (Dopamine fast) का प्रयोग उन लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो अपनी आदतों (एडिक्शन) के नीचे बिल्कुल दब गए हैं।
सच कहा जाए तो यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक प्रयोग है जिसे नए नाम से दुनिया के सामने लाया गया है।
डोपामिन उपवास "समत्व भाव" में रहने का एक प्रयोग है। स्वयं को पुनः प्राकृतिक अवस्था में लाने का एक प्रयोग है अथवा यह कह लें स्वयं को रीसेट करने का एक प्रयोग है। भीतर जितनी गड़बड़ियां हो रखी हैं उन्हें ठीक करने का एक प्रयोग है। यह एक प्रकार से डोपामिन को उत्तेजित करने वाले क्रियाकलापों से उपवास (डोपामिन फ्री डे) लेने का प्रयोग है।
दिनभर हमारे द्वारा किए जाने वाले कृत्यों से असामान्य हार्मोनल उतार - चढ़ाव होता है जिसके कारण भीतर बहुत असंतुलन पैदा हो जाता है। डोपामिन विशेष रूप से खुशी, उत्साह, आनंद एवं रोमांच को पैदा एवं इन भावों को संतुलित करने का कार्य करता है। लेकिन गलत दिनचर्या और आहार - विहार से सब गड़बड़ हो जाता है जिसके कारण जीवन में आप करना तो बहुत कुछ चाहते हैं परन्तु अपनी आदतों से विवश होकर दिन भर, सप्ताह भर या उम्रभर कुछ और ही करते रहते हैं।
जिन्हें भी उनकी आदतों ने पूरा जकड़ रखा है ऐसे लोगों के लिए, ऐसे बच्चों के लिए, ऐसे छात्र छात्राओं के लिए यह अभ्यास किसी वरदान के समान है।
डोपामिन उपवास ऐसे लोगों के लिए एक अद्भुत प्रयोग है ..
* जिनका संकल्प बल बहुत कमजोर है।
* जिनकी पूरी दिनचर्या अव्यवस्थित है।
* जिनका शरीर बहुत विषाक्त है ।
* जिनका शरीर अनेकानेक रोगों का घर बन चुका है।
* जो परिवार की, बच्चों की, काम की चिंता में घुले जा रहे हैं।
* जो मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत टूट चुके हैं।
* जो तनाव, अवसाद और अनिद्रा से जूझ रहे हैं।
* जिनका अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं होता हैं।
* जिनकी यादाश्त बहुत कमजोर हो चुकी हैं।
* जो बहुत क्रोधी, चिड़चिड़े और विचलित हैं।
* जिनका आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है।
* जो अपने भीतर हमेशा एक अपरिचित डर का अनुभव करते हैं।
* जिनके मस्तिष्क में विचारों का भयंकर शोर बना रहता है।
* जो लगातार बस भूत की यादों अथवा भविष्य की व्यर्थ योजनाओं में ही डूबे रहते हैं।
* जो अकेलेपन के शिकार हो गए हैं और जिन्हें दूसरे लोगों से डर लगता है।

साथ ही यह उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो स्वयं के जीवन का अवलोकन करना चाहते हैं एवं मूलभूत परिवर्तन करके जीवन को नई दिशा देना चाहते हैं।

•डोपामिन उपवास क्या है और इसके कितने चरण (लेवल) हैं?
जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह एक शरीर के रासायनिक क्रियान्वयन एवं संतुलन ( हार्मोनल बैलेंस ) से सम्बन्धित अभ्यास है।
इस प्रयोग को हम प्रमुख रूप से तीन चरणों में कराते हैं, जो कि सामने वाले व्यक्ति की आयु, शारीरिक एवं मानसिक स्थिति और उद्देश्य को देखकर सुनिश्चित किया जाता है कि यह कितने दिन, कितने चरणों का अभ्यास करेंगे।
हालांकि सामान्य रूप से चौबीस घंटे का डोपामिन फास्ट लिया जाता है लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभावों को देखते हुए उन्हें चरणों में करना उत्तम रहता है।
इन सभी चरणों का आरम्भ सदैव प्रातःकाल से ही होता है चाहे वह बारह, चौबीस अथवा छत्तीस घंटे वाले चरण क्यों न हों।
प्रथम चरण - बारह घंटे का होता है।
द्वितीय चरण - चौबीस घंटे का होता है।
तृतीय चरण- छत्तीस घंटे का होता है।
( आरम्भ प्रथम चरण से ही करना चाहिए।)

• इस डोपामिन उपवास में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण में कब - कब, क्या - क्या खा - पी सकते हैं?
* पहला चरण:- डोपामिन उपवास के प्रथम चरण (लेवल) में "बारह घंटे" का समय निश्चित किया जाता है। जैसे सुबह छ: बजे से यह अभ्यास आरम्भ होगा तो शाम छ: बजे तक चलेगा इसमें पूरे दिन केवल जल, नारियल पानी, नींबू पानी अथवा बहुत आवश्यक होने पर फलों का रस लेते हैं। इस बीच आपको कुछ भी अन्य खाद्य अथवा पेय पदार्थ नहीं लेना है। प्रथम चरण का प्रयोग आप प्रत्येक सप्ताह में एक बार कर सकते हैं।
* द्वितीय चरण :- डोपामिन उपवास के द्वितीय चरण में "चौबीस घंटे" का समय निश्चित होता है। जैसे सुबह छ: बजे से लेकर अगले दिन सुबह छ: बजे तक । इसमें पूरे दिन आप जल,नारियल पानी, नींबू पानी, फलों का रस लेते हैं और बहुत भूख लगने पर सलाद खाते हैं जिसमें खीरा, ककड़ी, टमाटर, गाजर आदि सम्मिलित है। द्वितीय चरण का प्रयोग आप तीन सप्ताह में एक बार कर सकते हैं।
* तृतीय चरण:- डोपामिन उपवास के तृतीय चरण में "छत्तीस घंटे" का समय निश्चित होता है, यह सबसे कठिन चरण है और इसका अभ्यास पूर्व के दोनों चरणों के कुशलता पूर्वक अभ्यास संपन्न होने के बाद ही करना होता है। इसमें पहले बारह घण्टे में आपको वही सब पीना है जो आप प्रथम चरण के प्रयोग में लेते हैं। बारह घंटे के पश्चात रात्रि में आप हल्का सुपाच्य एक बार भोजन कर सकते हैं एवं फिर अगले दिन सुबह से शाम छ: बजे तक आप वही सब ले सकते हैं जो द्वितीय चरण के प्रयोग में लेते हैं जैसे तरल पदार्थ एवं सलाद। तृतीय चरण का प्रयोग आप छ: सप्ताह में एक बार कर सकते हैं।

• डोपामिन उपवास के नियम एवं सावधानियां :-

°क्या नहीं करना है-: डोपामिन उपवास के प्रयोग के दौरान किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, कम्प्य़ूटर और टीवी आदि का प्रयोग नहीं करना है।
न संगीत, न कोई वीडियो गेम, न सोशल मीडिया का प्रयोग, न गिटार, न पुस्तकें पढ़ना, न पेंटिंग्स, न इस प्रकार की कोई अन्य गतिविधि।
बस अपातकाल के लिए फोन को चालू रख सकते हैं यदि बहुत ही आवश्यक हुआ तो ही अन्यथा फोन को दूर रखें तो अच्छा है। इंटरनेट का उपयोग बिल्कुल प्रतिबंधित रहेगा। दिनभर ऐसे कृत्यों को बिल्कुल नहीं करना जो आपको उत्तेजित करते हों इसलिए संगीत, नृत्य, गायन प्रतिबंधित है। आपको झूमने वाले और वर्तमान से दूर ले जाने वाले कोई भी कृत्य नहीं करना है।

° क्या करना है -: आप सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर अच्छे से सादे पानी से स्नान करें। सुबह ग्रीन टी ले सकते हैं यदि आवश्यक लगे तो अन्यथा गर्म पानी में थोड़ी हल्दी, तुलसी एवं शहद मिलाकर ले लें। सुबह योग के आसनों का, प्राणायाम का और ध्यान का अभ्यास करें। सुबह ताजी हवा में घूमने निकल जाएं।
पार्क में टहलें। स्वयं का अवलोकन करें। अपनी समस्याओं को समझें और उन्हें दूर करने के सम्बन्ध में चिंतन करें।
ध्यान के अन्य गहरे प्रयोग आप दिन भर में कर सकते हैं। बाग - बगीचा, खेत - खलिहान घूमने चले जाएं। अच्छी नींद लें। लोगों के बीच बैठें, बातें करें।
हां इस समय आपको अपने साथ केवल खाली कॉपी और पेन प्रयोग करने की अनुमति होगी। आप अपने वर्तमान के अनुभव, भविष्य के उद्देश्य एवं अन्य बातें लिख सकते हैं।

इस प्रयोग को कौन कर सकता है?:- यह प्रयोग सोलह वर्ष से ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति कर सकता है। स्त्री - पुरुष सभी इस प्रयोग को कर सकते हैं। परंतु बच्चे एवं गंभीर रोग ग्रस्त व्यक्ति को विशेष मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
जिन बच्चों को फोन, टीवी एवं इंटरनेट की बुरी लत लग गई है यदि सही मार्गदर्शन में रखकर उन बच्चों को विशेष सावधानी के साथ, लगातार परामर्श देते हुए यह प्रयोग कराएं तो शीघ्र ही वह सामान्य हो जायेगा।

• सारांश :- डोपामिन उपवास का मूल उद्देश्य हमारे भीतर आने वाले लगातार उतार - चढ़ाव को सम करना है। कम से कम सप्ताह में एक दिन ऐसा बिताना है जिसमें डोपामिन हार्मोन को उत्तेजित करने वाले सभी कृत्यों से मुक्त रहा जाए। न अति उत्साह और न ही गहरा अवसाद।
कुल मिलाकर इस प्रयोग के समय ऐसे जीना है जैसे आप कोई जंगल में काबिले में रह रहे हों जहां आधुनिकता की चकाचौंध नहीं है। न इंटरनेट, न सोशल मीडिया, न टीवी, न फोन और न ही कोई संगीत, नृत्य, पार्टी, न फास्ट फूड, न शॉपिंग और न ही अतिव्यस्त दिनचर्या आदि।
ज्यादातर पानी पीना है और फलों का रस । बाकी भोजन नहीं करना है। आवश्यक होने पर सलाद ले सकते हैं।
अच्छी बुरी किसी भी प्रकार का किसी और के द्वारा कुछ लिखा हुआ नहीं पढ़ना। कोई भी पुस्तक नहीं। अपने पास पानी, ग्रीन टी, जरूरी वस्त्र , एक कॉपी और पेन रख सकते हैं बाकी कुछ भी नहीं।
दिनभर बिल्कुल सम भाव में समय बिताना है, बस शांत और सौम्य अवस्था में रहना है।

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#भूपेंद्र

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