शुक्रवार, 27 मार्च 2020

राज्य भी एक आवश्यकता है जैसे परिवार।
राज्य के आबश्यक।निर्देशों।का पालन करें।दुनिया भारत की ओर उम्मीद लगाए देख रही है।आज सुबह 7.00am से 9.00pm तक  सहज रह घर पर ही रहें।
अपने स्तर के आधार पर मालिक से प्रार्थना में रहे।

निम्न उपाय हम ये भी अपना सकते है...

(1) अंतर्मुखी हो आंख बंद कर बैठे औऱ सिर से लेकर नीचे तक अपने शरीर का मन ही मन अहसास करते हुए कल्पना करें कि हमारे सारे विकार,अशुद्धियां, जटिलताएं आदि धुआं बन कर बाहर जा रहे हैं। इसे कम से कम 10 मिनट तक करें । जब शरीर में हल्कापन महसूस होने लगें तो भाव लें अंतरिक्ष के किसी छोर से दूधिया रंग का  प्रकाश नीचे आकर हमारे शरीर पर पड़ रहा है । पूरा शरीर अंदर बाहर दूधिया रंग से नहा गया है।रोम रोम साफ हो रहा है ओर जिसके प्रभाव से बचा खुचा विकार, अशुद्धियां, जटिलताएं आदि भी धुआं बन कर बाहर जा रही हैं।धीरे धीरे कर हम बिल्कुल दुधिया प्रकाश से सराबोर हो चुके हैं।हमारे विकार, अशुद्धियां, जटिलताएं आदि खत्म हो चुके हैं।

(2)इससे आगे-मैं आत्मा हूँ, जो परमात्मा रूपी सूरज की किरण है।हम सब एक ही हैं।इस भाव के साथ-हम सब, हमारा मकान, हमारा आसपड़ोस, हमारा गाँव व नगर, देश, पूरा विश्व दिव्य प्रकाश से भर रहा है।उसके विकार, अशुद्धियां धुआं बन कर खत्म हो रहे हैं।सागर में कुम्भ कुम्भ में सागर।हम सब चेतना के सागर की लहरें हैं।

(3)उपर्युक्त भाव में रहें।बीच बीच में अपनी दैनिक चर्या अपनाएं। अध्यत्मिक पुस्तकें पढ़ें।परिवार के सदस्यों को साथ बैठा कर सत्संग करें।आंख बंद कर अपने शरीर का अहसास करें, उसमें दिव्यता का अनुभव करें।आदि आदि...

(4) पेट भर कर भोजन न करें।सुपाच्य भोजन, जलपान ही ग्रहण करें।इन प्रक्रियाओं के तुरंत बाद पानी न पिएं।

(5)सांयकाल 05.00pm पर सेवाकर्मियों, चिकित्सक टीम आदि को धन्यवाद दें, उनके लिए प्रार्थना करें।उनके लिए थाली, ताली बजाएं।ये बहुत पुरानी परंपरा रही है। विदेश में भी लॉक डाउन के बीच लोग ऐसा कर रहे हैं।इसके पीछे भी बैज्ञानिक कारण हैं।साउंड थेरेपी है।

(6)रात्रि 09.00pm हम सभी साथी/अभ्यासी पूरे विश्व में इस भाव में बैठते है कि जगत में जो भी स्त्री पुरूष है, भाई बहिन हैं।उनमें मालिक की रोशनी मौजूद है।सभी लोग शांत भाव में बैठ कर विश्व बंधुत्व, विश्व कल्याण के लिए भाव ला कर प्रार्थना करें। सर्वेभवन्तु सुखिनः... जिओ और जीने दो...सर्वधर्म समभाव... आदि का भाव रखें।

(7)ये भाव रखे कि सारे जगत में , ब्राह्मांड में, जगत के सभी प्राणियो में दिव्य प्रकाश मौजूद है।सब विकारों से दिव्यता की ओर बढ़ रहे हैं, स्वस्थ हो रहे हैं।स्व(आत्मा) में स्थित हो रहे हैं।सदाचरण को प्राप्त हो रहे हैं।
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""हमारे वैश्विक प्रमुख श्री कमलेश डी पटेल 'दाजी' विश्व बन्धितव,विश्व कल्याण हेतु कार्यों में लगें हुए हैं।

#कान्हाशांतिवनमहैदराबाद

#heartfulnesskatra

#कबीरापुण्यसदन

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