गुरुवार, 10 जून 2021

संयुक्त राष्ट्र संघ के 75 वर्ष::अशोकबिन्दु

 संयुक्त राष्ट्र संघ के 75 वर्ष!! ---------------------------------------




 चारों ओर जिधर भी निगाह पड़ती है सब प्रकृति है इस प्रकृति में अदृश्य भी है गुप्त भी है कंप्यूटर की तरह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर हम जीवन रूपी कार्यक्रम या व्यवस्था की पूर्णता संपूर्णता या आल(all) से तब जुड़ सकते हैं जब उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर संतुलित रूप से कार्य करेंगे प्रयोग करेंगे उसे अपने अनुभव में चिंतन मनन में उसे शामिल करेंगे संतुलन ही स्वास्थ्य है शांत की ओर जाने का पद है असंतुलन ही अस्वस्थ है अशांत की ओर जाने का पथ है श्री अर्धनारीश्वर अवधारणा से हमने काफी कुछ सीखा है बाम और दक्षिण में संतुलन को जाना है प्रकृति और ब्राह्मण के संतुलन को जाना है रण आत्मक था और धना तक धनात्मक ता के संतुलन को जाना है उपवन को गुलाब के महक से भरने के लिए गुलाब के पौधे में गुलाब पुष्प को ही नहीं संपूर्णता का ख्याल आवश्यक है। अनुशासन और शांति अंदर से आती है बाहर से नहीं हमारे और जगत के अंदर जो है कुछ तो है जो सोता है निरंतर है सर्वत्र है अनंत यात्रा में साक्षी है वही शांति और अनुशासन भी है वह के लिए वातावरण प्रश्न जागरण साहस त्याग आदि आवश्यक है। ब्रह्मांड में मनुष्य के अलावा सब नियमित है वह सहेज है मनुष्य आज अपनी कक्षा से बाहर हो चुका है सृष्टि के समय वह जिस सहजता में था उससे दूर जा चुका है जिसे हम असभ्य मानते हैं उन वनवासियों का जब अध्ययन किया गया तो वे प्रकृति के समीप अवश्य इस तंत्र में देखे गए उनको नुकसान हमारे विकास नहीं पहुंचाया है हमारे बुद्धि आधारित विकास ने विश्व बा और प्रकृति को क्या दिया है ब्राह्मण विश्व और प्रकृति के हम एक कड़ी हैं जैसे जंजीर में एक कड़ी बुद्धि कड़ियां देखती है विविधता और भिन्नता देखती है भेद देखती है। वह यह नहीं देखती कि हम सब में और जगत में कुछ है जो सोता है और निरंतर है हम अपने को महसूस नहीं करते कर रहे हैं जब हम अपने को ही महसूस नहीं कर रहे हैं तो जगत में अनियंत्रित चेतना तरंगों आत्माओं को क्या देखें ए आत्मीयता संवेदना क्या है यही तो हमारी नेता है चेतना का प्रभाव है जीव जंतु प्रकृति और हम परस्पर एक दूसरे की चेतना को अनुभव में एहसास में ही सकते हैं जो ही जीवन है जो ही प्रेम है जो के लिए विज्ञान अति अभी गुरुत्वाकर्षण तक या ऊर्जा या आभामंडल तक पहुंची है शिक्षा सुधार परिवर्तन विकास हिलता अपनी इसी अंतर चेतना को अग्रिम बिन्दु तक ले जाना निरंतर अभ्यास और अभ्यास हेतु वातावरण इस अभ्यास और अभ्यास हेतु वातावरण के लिए स्वयं व्यक्ति कुल मोहल्ला या वार्ड गांव और नगर जनपद प्रांत राष्ट्र और विश्व स्तर पर अनुशासन व्यवस्था प्रशासन आवाज की आवश्यकता रहती है अब हमें परिवर्तन को स्वीकार करने की जरूरत है हर मिनट पर परिवर्तन को स्वीकार करने की जरूरत है। सन 1945 से विश्व ने अपने को बदलते देखा है द्वितीय विश्व युद्ध ने मानवता का गला घोटा है अनेक देशों ने स्वतंत्रता की सास सिर्फ राजनीतिक स्तर पर ही ली है शक्तावत पूंजीवाद पुरोहित बाद और जातिवाद में नए ढंग से अपना स्वरूप सजाया है इस सबके बीच मानवता और उसकी चेतना को अग्रिम बिंदुओं और स्तरों पर ले जाने प्रश्न करने नए सिरे से प्रारंभ हो जाने चाहिए प्रारंभ होगी गए हैं प्रणाहूति व्यवस्था जो राजा दशरथ बार आया जनक के बाद लुप्त सी हो गई थी उसे सूफी संत हजरत की ब्लॉक मौलवी फजल अहमद खान साहब रायपुरी ने श्री रामचंद्र जी महाराज फतेहगढ़ को सौंपी जिसकी सूरत में सन 1945 में उत्तर प्रदेश के ही शाहजहांपुर में बाबू जी महाराज के द्वारा श्री रामचंद्र मिशन की स्थापना की गई विश्व शांति और विश्व कल्याण के लिए संयुक्त राष्ट्र की भी रूपए का खड़ी हुई है 24 अक्टूबर 1920 ईस्वी को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं इन वर्षों में विश्व शांति और मानवता के अनेक प्रश्न हुए हैं इसके बावजूद आर्थिक पूर्ण विश्वास शीत युद्ध कट्टरता अलगाववाद आतंकवाद सांप्रदायिकता आज को विश्व खेलता रहा है संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को अमेरिका के प्रसिद्ध नगर सैन फ्रांसिस्को में की गई थी यहां पर हम संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्था यूनेस्को अर्थात संयुक्त राष्ट्रीय शैक्षणिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के दो महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करना चाहेंगे नंबर एक नए अनुसंधान और द्वारा विभिन्न देशों की जनता का जीवन स्तर ऊंचा उठाना नंबर दो विभिन्न देशों के बीच संपर्क और संबंधों की स्थापना करना इस संगठन का कार्यालय पेरिस फ्रांस में है उन्हें स्कोर ने विश्व के सभी देशों में मूल्य आधारित शिक्षा की वकालत की है। हम चाहते हैं संयुक्त राष्ट्र संघ का विस्तार हो भारत इसका स्थाई सदस्य बने विभिन्न देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के संरक्षण और आम जनता को विभिन्न देशों की जनता से परस्पर संबंधों की स्वतंत्रता आज पर विचार करने की आवश्यकता है भाभी भी सरकार के लिए भी तैयारियां आवश्यक हैं कट्टरवाद जातिवाद सांप्रदायिकता आतंकवाद हादसे निष्पक्षता से निपटने की जरूरत है इसके लिए मनुष्य का स्तर उच्च बनाने का वातावरण तैयार करने की भी आवश्यकता है प्रत्येक मनुष्य को विश्व बंधुत्व मानवता आज से जोड़ने के कार्यक्रमों की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र संघ को सभी देशों की सरकारों से वार्ता करके एक भी सुना रुता एक विश्व सरकार की भावी योजना पर शिक्षा के पाठ्यक्रमों को शामिल करने के साथ-साथ विश्व के देशों के शासकों प्रशासकों कर्मचारियों मानता प्राप्त संस्थाओं में सदस्यों और कर्मचारियों की नियुक्तियों हेतु शिक्षिका ने वार्ता में विश्व बंधुत्व विश्व भाईचारा मानव कल्याण आज को अनिवार्य करने की आवश्यकता है कक्षा 3 और 4 से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में मानवता का रोड़ा अहिंसा विश्व बंधुत्व वसुदेव कुटुंबकम सुपर बंधन अनुशासन प्रकृति संरक्षण आज पर कक्षाओं के आधार पर विषय सामग्री तैयार करने की आवश्यकता है

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