किसी ने कहा है-उसका जीवन बेकार जो किसी लक्ष्य के लिए मरने को तैयार नहीं।
रविवार, मु010 बं 13.
ताजिया/मुहर्रम,
हिजरी1441-42!
हजरत मो0 हुसैन की याद करते हुए!
हम बता दें एक समय वह भी था जब दुनिया कम ही शरहदों में विभक्त थी।कोई भी कहीं भी जा सकता था।दुनिया के सभी सन्त एक दूसरे का सम्मान करते थे।
कर्बला की लड़ाई में 500 देवल ब्राह्मण मो0हुसैन की मदद के लिए गए थे। मुंशी प्रेम चन्द्र ने भी उसे काफी याद किया है।
इसके साथ ही हम राजा बलि के दान, त्याग, कर्ण के दान त्याग, गुरु गोविंद सिंह के त्याग व संघर्ष को याद करते हैं।
हम किसी जाति-मजहब से परे हैं।जब हम कुदरत, ब्रह्म के दरबार में होते हैं। तब हम सिर्फ हाड़ मास शरीर, आत्मा होते हैं।
अर्जुन पूछते हैं-कर्म क्या है?श्री कृष्ण कहते हैं - यज्ञ।यज्ञ के अनेक रूप है।अनन्त यात्रा में,प्रकृति में कुछ है जो स्वतः है निरन्तर है।वही हमारा यज्ञ है, मिशन है, अभियान है।जिसमें हर पल मृत्यु है, हर पल जन्म है। निरन्तर परिवर्तन है। क्रमिक विकास में हमारा होना जीवन की पराकाष्ठा नहीं है। विकासशीलता है, विकसित नहीं।
उसी में न्योछावर हो जाना यम है।योग(अल/आल/all/यल्ह/एला/इला/सम्पूर्णता/आदि) में आठ चरण/योगांग है न। हर चरण में अनेक स्तर है। पहला चरण है -यम।यम को हम मृत्यु कहते हैं। जो यज्ञ करते है।वे व हम अभी इसको ही स्वीकार नहीं कर पाए है। यम दूत हैं-सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य। इसको हमें करीब से देखा है। लेकिन अभी जीता नहीं। सर्च करें:
www.ashokbindu.blogspot.com/अशोकबिन्दु:दैट इज...?!पार्ट10 ! जीवन सिर्फ हमारे हाड़ मास शरीर, स्थूलताओं तक ही सीमित नहीं। मो0साहब ने कहा है-हर स्वास का कारण वह है, हर स्वास उसकी है।हर स्वास में वही होना जीवन है।
सहज मार्ग में हम उपनिषद के-'प्राणस्य प्राण' पर ध्यान देते हैं। सूफी संतों में इससे पूर्व राजा दशरथ व जनक तक प्राणाहुति/दम भरने की क्षमता रखने के गुरुत्व में प्रशिक्षण की व्यवस्था थी।जो क्षमता हजरत किबला मौलवी फजल अहमद खान साहब रायपुरी सेउनके शिष्य श्रीराम चन्द्र,फतेहगढ़ को प्राप्त हुई।जिसका विकास शाहजहाँ पुर के बाबूजी महाराज ने किया। प्राणाहुति का ऐसा चमत्कार हमने कहीं न देखा। वर्तमान में हमारे वैश्विक मार्गदर्शक है-कमलेश डी पटेल दाजी।जो इसकी व्यवस्था देख रहे हैं।
आज हम मो0हुसैन की कुर्बानियों के साथ साथ अतीत के सभी महापुरुषों की कुर्बानियों को याद करते हैं।
सभी को अन्तरनमन!!
#अशोकबिन्दु
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