शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

हाथ झाड़े और एजुकेशन से निकल लिया ::अशोकबिन्दु

दुनिया में हमें सिर्फ शिक्षित व्यक्तियों से शिकायत है

 जब शिक्षित व्यक्ति ज्ञान के आधार पर न चले तो और कौन चले?

 बाबूजी महाराज ने कहा है शिक्षित व्यक्ति वही है जिसके अधिकार खत्म हो गए सिर्फ कर्तव्य ही कर्तव्य रहे गए हैं।

 हम बाबूजी महाराज के इस कथन की वकालत करते हैं।

 हम कहते रहे हैं की शिक्षा और शिक्षित एक क्रांति है

क्रांति यानि कि परिवर्तन को स्वीकार करना।

 इस लेख को हम आगे पूरा करेंगे ।

इस पर हालांकि हम पहले भी लिखते रहें हैं।

 हम इतना ही कहना चाहेंगे शिक्षा रूपी घर से लोग हाथ झाड़ कर निकल लेते हैं।
 हाथ में सिर्फ डिग्रियां होती हैं। सोच ,नजरिया, चिंतन ,आचरण से हम एक आम आदमी की तरह ही समाज व समाज की घटनाओं पर प्रतिक्रियावादी होते हैं।आचरणवान होते है।



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