सहज मार्ग का उद्देश्य है-हर घर केंद्र व हर व्यक्ति स्वयं प्राणाहुति लेने में सक्षम।
भारत है- प्रकाश में रत।
भारतीय है-प्रकाश रती, हम सब में मौजूद प्रकाश।
प्रकाश में हम हम में प्रकाश।
यहां किसी को जाति, मजहब, सम्प्रदाय, आदतों आदि नजरअंदाज कर निरपेक्ष हो चिंतन करने की आवश्यकता है।
हमें 2500वर्ष पहले जाने की जरूरत है।जब काबा-काशी में सभी का आना जाना था।वर्तमान जाति, मजहब, पंथ,क्षेत्र,भाषा
में मानव नहीं बंधा था, बीजा-पासपोर्ट में न बंधा था।मानव प्रकृति के काफी नजदीक था।
देश को यदि मजबूत करना है तो प्रत्येक परिवार, घर,व्यक्ति स्तर पर शासन को योजनाएं बनाने की जरूरत है।
देश स्वयं क्या है? देश व विश्व की समस्याएं स्वयं क्या हैं?ये मानव कुप्रबन्धन है।स्वयं देश व विश्व क्या? उसकी कोई समस्या नहीं है, यदि हम प्रकृति की नजर से देखते हैं।सारी कायनात की नजर से देखते हैं।समस्या तो मानव के जीवन मे है या मानव के कारण है।
भारत है- प्रकाश में रत।
भारतीय है-प्रकाश रती, हम सब में मौजूद प्रकाश।
प्रकाश में हम हम में प्रकाश।
यहां किसी को जाति, मजहब, सम्प्रदाय, आदतों आदि नजरअंदाज कर निरपेक्ष हो चिंतन करने की आवश्यकता है।
हमें 2500वर्ष पहले जाने की जरूरत है।जब काबा-काशी में सभी का आना जाना था।वर्तमान जाति, मजहब, पंथ,क्षेत्र,भाषा
में मानव नहीं बंधा था, बीजा-पासपोर्ट में न बंधा था।मानव प्रकृति के काफी नजदीक था।
देश को यदि मजबूत करना है तो प्रत्येक परिवार, घर,व्यक्ति स्तर पर शासन को योजनाएं बनाने की जरूरत है।
देश स्वयं क्या है? देश व विश्व की समस्याएं स्वयं क्या हैं?ये मानव कुप्रबन्धन है।स्वयं देश व विश्व क्या? उसकी कोई समस्या नहीं है, यदि हम प्रकृति की नजर से देखते हैं।सारी कायनात की नजर से देखते हैं।समस्या तो मानव के जीवन मे है या मानव के कारण है।
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