रविवार, 5 जुलाई 2020

नाभिकीय संलयन.... नाभिकीय विखंडन के बीच आध्यात्मिकता::अशोकबिन्दु

06 जुलाई2020ई0!
श्रावण प्रारम्भ!शिव तत्व स्मरण!!
नक्त व्रत प्रारम्भ(जैन)!
वीर शासन जयंती!सोमवार,06.30am!



ध्यान के वक्त शुरुआत में ही हम ही- अहसास!
 पटेल जी दाजी ..हम अपने को दाजी साथ महसूस कर रहे थे...( इसके बाद पूरा शरीर दिव्य शक्तियों में भरा हुआ है ऐसा महसूस करना शुरू किया).... पूरे शरीर में अस्तित्व का एहसास .....अमोघ प्रिय आनंदम!..... अमोघ प्रियदर्शनम!!.... अमोघ प्रिय अनंतम !!.....सागर में कुंभ कुंभ में सागर !!....प्रकाश में हम, हम में प्रकाश !....चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश अंदर भी प्रकाश बाहर भी प्रकाश ....चारों ओर अंदर-बाहर दिव्यता ,दिव्य शक्तियां ......सागर में कुंभ, कुंभ में सागर...... हमारा हृदय जहां से दिव्य शक्तियां ,दिव्य प्रकाश पूरे शरीर में फैल रहा है.... अंदर बाहर सब जगह प्रकाश ही प्रकाश हृदय से दिव्य प्रकाश पूरे शरीर में फैल रहा है ....सभी प्राणियों की चेतना के स्पर्श में, संपर्क में  ...   वसुधैव कुटुंबकम, विश्व बंधुत्व  ....….
हृदय में उपस्थित दिव्य प्रकाश पूरे शरीर में फैल रहा है ....पूरा शरीर दिव्य प्रकाश से भरा हुआ है! जो ह्रदय केंद्रित..... नाभिकीय संलयन .......नाभिकीय विखंडन.....

 आज सावन !
स...अवन......?!

 वन...अरण्य जीवन...प्रकृति में रहते हुए सर्वव्याप्त स्वतः... निरंतर के एहसास में !

पहला सोमवार!


 सोम.... वार....!?

 चारों ओर जो प्रकाश उसका एक केंद्र .. ..  शिव तत्व ! आत्म प्रकाश .....!? जो विस्तार लेकर.... सागर में कुंभ कुंभ में सागर !!

पूरा शरीर दिव्य प्रकाश से भरा हुआ जो ह्रदय केंद्रित..... नाभिकीय संलयन..... नाभिकीय विखंडन......



#अशोकबिन्दु
@कबीरा पुण्य सदन





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें