शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

आखिर आपकी नजर में गुलामी क्या है?

आखिर गुलामी क्या है आप लोगों की नजर में?हमारी नजर में गुलामी है-रुका हुआ होना।जैसे कि प्ले/nc/kg में पढ़ने वाला बच्चा प्ले/nc/kg के स्तर से ऊपर न उठ पाए।किसी कारण से उसका अगली क्लास में प्रमोशन हो भी जाता है लेकिन उसका मन व नजरिया प्ले/nc/kg में ही रहे। इसे कहते हैं रुका हुआ या गुलाम या जो अगली क्लास के लिए जो योग्य है लेकिन तब भी उसे अगली क्लास में नहीं पंहुचाया जाता। अनेक जाति मजहब, रीति रिवाज में बंटे होने का मतलब ये नहीं कोई गुलाम हो गया या कोई गुलाम नहीं? हम किस स्तर पर हैं ये महत्वपूर्ण नहीं ,महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति की मानसिकता व सामर्थ्य क्या है आगे के स्तरों व बिंदुओं पर पहुंचने की?चेतना व समझ को आगे बढ़ाने की। चोर चोर है ,यह महत्वपूर्ण नहीं।महत्वपूर्ण है कि वह चोरी न करने या करने की मानसिकता बनाये बैठा है। कोई हिन्दू देवी देवता के आगे दीपक ,अगरवत्ती न जला बुद्ध, अम्बेडकर, पटेल आदि की मूर्ति/तश्वीर के आगे दीप, अगरबत्ती जलता है तो क्या?कोई खड़े मूर्ति पर कोई पड़ी मूर्ति पर ?तो फर्क क्या?क्या ये गुलाम नहीं?कोई गणेश की कोई ताजिया की...?क्या ये गुलाम नहीं??अब बात आती है हवन/यज्ञ की ?अनेक चीजें जलाने से वातावरण शुद्ध होता।हां, कॉर्बन नुकसान दायक है।चंदन का तिलक माथे पर लगाने से क्या लाभ है?किसी आयुर्वेद में जाओ तो।अन्ध विश्वास वो है विज्ञान आधारित ज्ञान अनुसार नहीं है।कुछ चीजें ऐसी जरूरी होती है ताकि समाज बंधा रहे, एक जुट हो।बच्चे रेत या मिट्टी के घर बना कर खेलते थे तो इसका मतलब ये नहीं कि ये गलत था।उससे बच्चे समूह में रहना सीखते थे।कर्म कांड महत्वपूर्ण नहीं होता, उस बहाने समाज को आगे के स्तरों व बिंदुओं पर ले जाना महत्वपूर्ण होता है। आदि आदि...

गुलामी है -इच्छओं की जंजीरों में जकड़ जाना।इंद्रियों व हाड़ मास शरीर व शरीरों में ही उलझे रहना।

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